रैदास के पद ~ सप्रसंग व्याख्या (Ch. 1~ WBBSE Madhyamik Questions and Answers )
रैदास के हर पद की व्याख्या ( Class 10 Summary and Question Answer ) प्रभु जी तुम चंदन हम पानी । जाकी अंग-अंग बास समानी ॥ प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा । जैसे चितवत चंद चकोरा ॥ प्रभु जी तुम दीपक हम बाती । जाकी जोति बरै दिन राती ॥ प्रभु जी तुम मोती हम धागा । जैसे सोनहिं मिलत सोहागा ॥ प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा । ऐसी भक्ति करै 'रैदासा' ।।