धीरे धीरे उतर क्षितिज से -महादेवी वर्मा - सप्रसंग व्याख्या ( Hindi class 9- Summary and short question's answer )


  धीरे धीरे उतर क्षितिज से -महादेवी वर्मा 

 सप्रसंग व्याख्या 
 ( Hindi class 9- Summary and short question's answer )












धीरे धीरे उतर क्षितिज से
आ वसन्त-रजनी!

तारकमय नव वेणीबन्धन

शीश-फूल कर शशि का नूतन,

रश्मि-वलय सित घन-अवगुण्ठन,
मुक्ताहल अभिराम बिछा दे
चितवन से अपनी!
पुलकती आ वसन्त-रजनी!

मर्मर की सुमधुर नूपुर-ध्वनि,
अलि-गुंजित पद्मों की किंकिणि,
भर पद-गति में अलस तरंगिणि,
तरल रजत की धार बहा दे
मृदु स्मित से सजनी!
विहँसती आ वसन्त-रजनी!
पुलकित स्वप्नों की रोमावलि,
कर में ही स्मृतियों की अंजलि,
मलयानिल का चल दुकूल अलि!
चिर छाया-सी श्याम, विश्व को
आ अभिसार बनी!
सकुचती आ वसन्त-रजनी!
सिहर सिहर उठता सरिता-उर,
खुल खुल पड़ते सुमन सुधा-भर,
मचल मचल आते पल फिर फिर,
सुन प्रिय की पद-चाप हो गयी
पुलकित यह अवनी!
सिहरती आ वसन्त-रजनी!

 धीरे धीरे उतर क्षितिज से -महादेवी वर्मा - सप्रसंग व्याख्या 
( Hindi class 9- Summary and short question's answer )




Comments

Popular posts from this blog

2nd Part Of 20th Century: Post-Colonial India (1947-64) (History _Chapter 8 ~ WBBSE Madhyamik Questions and Answers )

Chapter 4 ~ Waste Management ( Madhayamik Important Questions and Answers)

Movements Organized By Women, Students, And Marginal People In 20th Century India: Characteristics And Analyses (History _Chapter 7~ WBBSE Questions and Answers ) Madhyamik