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Showing posts from February, 2024

कर चले हम फ़िदा पाठ की व्याख्या ( Hindi class 9- Summary and short question's answer )

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  कर चले हम फ़िदा पाठ की व्याख्या (Explanation) कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं सर हिमालय का हमने न झुकने दिया मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर जान देने की रुत रोज आती नहीं हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं आज धरती बनी है दुलहन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो राह कुर्बानियों की न वीरान हो तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले फतह का जश्न इस जश्न के बाद है जिंदगी मौत से मिल रही है गले बाँध लो अपने सर से कफन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर इस तरफ आने पाए न रावन कोई तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे छू न पाए सीता का दामन कोई राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो ( Hindi class 9- Summary and short question's answer ) Kar Chale Hum Fida Summary  (पाठ सार) Kar Chale hum Fida Summary  – प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का

यमराज की दिशा - चंद्रकांत देवताले -( पाठ सार और व्याख्या) ( Hindi class 9- Summary and short question's answer )

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यमराज की दिशा -चंद्रकांत देवताले ( पाठ सार और व्याख्या)  माँ की ईश्वर से मुलाक़ात हुई या नहीं कहना मुश्किल है पर वह जताती थी जैसे ईश्वर से उसकी बातचीत होती रहती है और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार ज़िंदगी जीने और दुख बर्दाश्त करने के रास्ते ख़ोज लेती है माँ ने एक बार मुझसे कहा था दक्षिम की तरफ़ पैर करके मत सोना वह मृत्यु की दिशा है और यमराज को क्रुद्ध करना बुद्धिमानी की बात नहीं तब मैं छोटा था और मैंने यमराज के घर का पता पूछा था उसने बताया था तुम जहाँ भी हो वहाँ से हमेशा दूर दक्षिण में माँ की समझाइश के बाद दक्षिण दिशा में पैर करके मैं कभी नहीं सोया और इससे इतना फ़ायदा ज़रूर हुआ दक्षिण दिशा पहचानने में मुझे कभी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा मैं दक्षिण में दूर-दूर तक गया और मुझे हमेशा माँ याद आई दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था होता छोर तक पहुँच पाना तो यमराज का घर देख लेता पर आज जिधर भी पैर करके सोओ वहीं दक्षिण दिशा हो जाती है सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं और वे सभी में एक साथ अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं माँ अब नहीं है और यमराज की दिशा भी वह नहीं रही जो माँ जानती थी। (

सबसे ख़तरनाक - अवतार सिंह पाश ( पाठ सार और व्याख्या)

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 सबसे ख़तरनाक   - अवतार सिंह पाश  ( पाठ सार और व्याख्या)  (Sabse Khatarnak poem) मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती  पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती  ग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती  बैठे-बिठाए पकड़े जाना - बुरा तो है  सहमी-सी चुप में जकड़े जाना - बुरा तो है  सबसे ख़तरनाक नहीं होता  कपट के शोर में  सही होते हुए भी दब जाना - बुरा तो है  किसी जुगनू की लौ में पढ़ना - बुरा तो है  मुट्ठियां भींचकर बस वक्‍़त निकाल लेना - बुरा तो है  सबसे ख़तरनाक नहीं होता  सबसे ख़तरनाक होता है  मुर्दा शांति से भर जाना  न होना तड़प ना सब कुछ सहन कर जाना  घर से निकलना काम पर  और काम से लौटकर घर आना  सबसे ख़तरनाक होता है  हमारे सपनों का मर जाना  सबसे ख़तरनाक   - अवतार सिंह पाश  ( Hindi class 9- Summary and short question's answer ) यमराज की दिशा -चंद्रकांत देवताले ( पाठ सार और व्याख्या)  कलकत्ता कविता का सारांश  (Kolkata Kavita Ka Saransh Class 9)

कलकत्ता कविता का सारांश - अरुण कमल - Kolkata Kavita Ka Saransh Class 9

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कलकत्ता कविता का सारांश -    सप्रसंग व्याख्या  (Kolkata Kavita Ka Saransh Class 9) जाऊंगा मैं जाऊंगा कोल जाऊंगा  बार बार सौ बार कोलकाता जाऊंगा  मैं वहां तब से जा रहा हूं जब वह कलकता था  तब से जब वह बायस्कोप के भीतर था  मैं वहां बाबा के कंधे पर बैठकर गया  मैं वहां गालिब की पालकी में सजकर गया  जब मेरे गांव से पहला टोल गया चटकल मजदूरों का  सत्तू की गठरी पीठ पर लादे मैं भी गया महिषदल तक  अब भी याद है मुझे वह सुबह जब मैं हावड़ा मैं उतरा  और चमके हावड़ा पुल के मस्तूल इतना पास कोलकाता  गंगा में समाया हुआ सागर का अवक्षेप धरती में कंदमूल मेरे घर से इतनी दूर की रात को झलके वही तारा बना उड़हुल इतना प्यारा जैसे हाथी गन्ने चूसता कोई दमकल घंटी बजाता दौड़ता अब भी याद है मुझे वो दिन जब मैं कोलकाता की सड़को पर  खेत खलिहान के पांवों से चला लाठी भर जगह छेकता  एक बार फिर मैं ढूंढता हूं अपनी चाल अपनी गति  दुनिया की समस्त गतियों के मध्य मेट्रो ट्राम से लेकर हाथ रिक्शे तक सृष्टि के समस्त  छंदों के मध्य अपना छंद ढूंढता   मैं एक बेसहारा पैदल राहगीर वह जगह ढूंढ रहा हूं  जहां से पार कर सकूं यह चौरस्ता   लंदन पेइ

'जरुरतों के नाम पर' कविता का सारांश - सप्रसंग व्याख्या ( Hindi class 9- Summary and short question's answer )

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  'जरुरतों के नाम पर'  कविता का सारांश     सप्रसंग व्याख्या    ( Hindi class 9- Summary and short question's answer ) क्‍योंकि मैं ग़लत को ग़लत साबित कर देता हूं इसलिए हर बहस के बाद ग़लतफ़हमियों के बीच बिलकुल अकेला छोड़ दिया जाता हूं वह सब कर दिखाने को जो सब कह दिखाया वे जो अपने से जीत नहीं पाते सही बात का जीतना भी सह नहीं पाते और उनकी असहिष्णुता के बीच में किसी अपमानजनक नाते की तरह वेमुरौव्वत तोड़ दिया जाता हूँ । प्रत्येक रोचक प्रसंग से हटाकर, शिक्षाप्रद पुस्तकों की सुची की तरह घरेलू उपन्यासों के अन्त में लापरवाही से जोड़ दिया जाता हूँ । वे सब मिलकर मेरी बहस की हत्‍या कर डालते हैं ज़रूरतों के नाम पर और पूछते हैं कि ज़िन्दगी क्‍या है ज़िन्दगी को बदनाम कर ।   'जरुरतों के नाम पर'  ( Hindi class 9- Summary and short question's answer )   पेड़ के दर्द नामक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखो​

पेड़ के दर्द नामक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखो​

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  पेड़ के दर्द नामक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखो​      ( Hindi class 9- Summary and short question's answer ) कुछ धुआँ कुछ लपटें कुछ कोयले कुछ राख छोड़ता चूल्हे में लकड़ी की तरह मैं जल रहा हूँ, मुझे जंगल की याद मत दिलाओ! हरे-भरे जंगल की जिसमें मैं सम्पूर्ण खड़ा था चिड़ियाँ मुझ पर बैठ चहचहाती थीं धामिन मुझ से लिपटी रहती थी और गुलदार उछलकर मुझ पर बैठ जाता था. जँगल की याद अब उन कुल्हाड़ियों की याद रह गयी है जो मुझ पर चली थीं उन आरों की जिन्होंने मेरे टुकड़े-टुकड़े किये थे मेरी सम्पूर्णता मुझसे छीन ली थी ! चूल्हे में लकड़ी की तरह अब मैं जल रहा हूँ बिना यह जाने कि जो हाँडी चढ़ी है उसकी खुदबुद झूठी है या उससे किसी का पेट भरेगा आत्मा तृप्त होगी, बिना यह जाने कि जो चेहरे मेरे सामने हैं वे मेरी आँच से तमतमा रहे हैं या गुस्से से, वे मुझे उठा कर् चल पड़ेंगे या मुझ पर पानी डाल सो जायेंगे. मुझे जंगल की याद मत दिलाओ! एक-एक चिनगारी झरती पत्तियाँ हैं जिनसे अब भी मैं चूम लेना चाहता हूँ इस धरती को जिसमें मेरी जड़ें थीं!  पेड़ के दर्द नामक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखो​  ( Hindi class